नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांसेज एक्ट (NDPS Act in Hindi) 1985 भारतीय संघ राज्यों में मादक पदार्थों के उत्पादन, वितरण, और उपयोग को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया कानून है। इस अधिनियम के अंतर्गत, नशीले पदार्थों के अवैध उत्पादन और विक्रय पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है और इसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है। यह अधिनियम भारतीय कानूनी प्रक्रिया में नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों के लिए महत्वपूर्ण नियम और विधियों का संचालन करता है।
भारतीय संघ और राज्यों के बीच समझौता: NDPS Act का पहला प्रस्ताव 1980 में प्रस्तुत किया गया था, जिसे भारतीय संघ और राज्यों के बीच समझौते के बाद संसद ने 1985 में अधिनियम के रूप में मंजूरी दी।
मुख्य उद्देश्य: इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों के उत्पादन, वितरण, और उपयोग को नियंत्रित करना है ताकि समाज में उनका अवागमन हो सके।
मादक पदार्थों के वितरण में संशोधन: पूर्व में केवल संघ राज्यों के बीच समझौता होता था, लेकिन अधिनियम लागू होने के बाद राज्य सरकारों को भी सक्षम किया गया था कि वे स्थानीय नियमों के तहत मादक पदार्थों के उपयोग पर नियंत्रण रख सकें।
अंतर्राष्ट्रीय संधि: भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस दिशा में कार्य किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र संघ की सहायता से अन्य देशों के साथ सहयोग के लिए अनुबंध किया गया।
संशोधनों की प्रक्रिया: NDPS Act में समय-समय पर कई संशोधन किए गए हैं, जिनमें अधिक सख्तता और प्रभावी कार्रवाई को बढ़ावा दिया गया है।
सख्त दंड: अधिनियम में अवैध व्यापार और उपयोग पर सख्त दंड और जुर्माने का प्रावधान है जिसका मकसद अवैध व्यापार को रोकना है।
वैधानिक प्रक्रिया: NDPS Act में विशेष ध्यान दिया गया है कि वैधानिक प्रक्रिया के द्वारा संज्ञान में आए अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
अन्य संज्ञान: इस अधिनियम में अन्य संज्ञान भी हैं जो अधिक सुरक्षित और न्यायसंगत उपायों को स्थापित करने में सहायक हैं।
सामाजिक प्रभाव: NDPS Act ने सामाजिक प्रभाव को भी मजबूत किया है, जिसमें नशीले पदार्थों के उपयोग से होने वाले व्यक्तिगत और सामाजिक कष्टों को कम किया गया है।
सुधार और संशोधन: अधिनियम में समय-समय पर सुधार और संशोधन किए जाते रहते हैं ताकि यह समय के साथ समर्थनीय और प्रभावी रहे।
1989 संशोधन: इसमें दंडित अपराधों के लिए और भी सख्त दंड निर्धारित किए गए थे।
2001 संशोधन: इसमें अधिक विस्तृत परिभाषाएँ और नए अपराधों का प्रावधान किया गया था।
2014 संशोधन: इसमें नए नशीले पदार्थों के विकसित रूपों और अधिक सख्तताओं का समर्थन किया गया था।
2020 संशोधन: इसमें सुधार करते हुए अधिनियम की प्रक्रिया और प्रभावी कार्रवाई की व्यवस्था को मजबूत किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ: इन संशोधनों में अंतर्राष्ट्रीय संधियों और समझौतों को व्यवस्थित किया गया था जो अधिनियम के पालन में सहायक हैं।
अनुशासनवादी प्रावधान: संशोधन में अनुशासनवादी प्रावधानों का प्रावधान किया गया था जो अधिनियम के उल्लंघन को रोकने में सहायक हैं।
न्यायिक प्रक्रिया: संशोधन में न्यायिक प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को मजबूत करने का प्रावधान किया गया था।
संशोधन के प्रभाव: संशोधनों के प्रभाव से अधिनियम की प्रभावी क्षमता में वृद्धि हुई है जिससे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
समय-समय पर संशोधन: अधिनियम में समय-समय पर संशोधन करने से उसकी समर्थनीयता और प्रभाव बनी रहती है।
भविष्य की दिशा: भविष्य में भी अधिनियम में संशोधन की प्रक्रिया जारी रहेगी ताकि यह समय के साथ संगठित रहे और नवीनीकरण को संभव किया जा सके।
सामाजिक सुरक्षा: NDPS Act का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिसमें नशीले पदार्थों के अनियमित उपयोग से उत्पन्न होने वाले सामाजिक और आर्थिक कष्टों को कम किया जा सके।
स्वास्थ्य सुरक्षा: यह अधिनियम नशीले पदार्थों के अनियमित उपयोग से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने और नियंत्रित करने का भी उद्देश्य रखता है।
अवैध व्यवसायिक गतिविधियों को रोकना: यह अधिनियम नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार और व्यवसायिक गतिविधियों को रोकने में सहायक है ताकि समाज में इनका प्रवेश न हो सके।
जुर्माने और सजा का भुगतान: अधिनियम के अंतर्गत अवैध व्यवसायिक गतिविधियों करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होने के साथ-साथ उन्हें अनुशासनवादी दंड और जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है।
अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई: NDPS Act का उद्देश्य अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है ताकि वे इस प्रकार की गतिविधियों से डरें और इन्हें अपनाएं नहीं।
वित्तीय भ्रष्टाचार का रोक: NDPS Act द्वारा नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार को रोककर वित्तीय भ्रष्टाचार को भी कम करने का प्रयास किया जाता है।
सार्वजनिक सुरक्षा का भन्डार: यह अधिनियम सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकता है ताकि समाज में उनका अवागमन हो सके।
अन्यायपूर्ण व्यावसायिक गतिविधियाँ: इस अधिनियम द्वारा अन्यायपूर्ण व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने का प्रयास किया जाता है जिनमें नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार शामिल है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था की सुरक्षा: NDPS Act स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकता है ताकि उसका असर अर्थव्यवस्था पर न हो।
सरकारी प्रयासों का समर्थन: इस अधिनियम से सरकारी प्रयासों को नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकने में समर्थन मिलता है जिससे समाज का विकास और प्रगति हो सके।
नशीले पदार्थ की परिभाषा: इसे वे पदार्थ कहते हैं जिनका उपयोग व्यक्ति को नशे में डालने के लिए किया जाता है या जिनका उपयोग व्यक्ति के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
उदाहरण: नशीले पदार्थों में अफीम, गांजा, कोकेन, बर्बीट्युरेट्स, और अन्य विशेष प्रकार के दवाइयाँ शामिल होती हैं।
कानूनी प्रावधान: NDPS Act में नशीले पदार्थों की परिभाषा और उनका संघर्ष प्रावधान किया गया है जिसमें उनके उत्पादन, वितरण, और उपयोग पर नियंत्रण लगाया गया है।
मन:प्रभावी पदार्थ की परिभाषा: ये पदार्थ होते हैं जिनका उपयोग व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा या परिणामस्वरूप प्रभाव डालता है। इन पदार्थों का अवागमन मानसिक रोगों का कारण बन सकता है।
उदाहरण: मन:प्रभावी पदार्थों में लेस्टीर्जिक, बारबिटुरेट्स, बेंजोडियाजेपिन्स, और अन्य विशेष प्रकार के दवाइयाँ शामिल होती हैं।
कानूनी प्रावधान: NDPS Act में मन:प्रभावी पदार्थों की परिभाषा और उनके अवागमन पर कड़े कानूनी दंड और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
संघर्ष: इसे उन प्रक्रियाओं और कदमों का समूह कहा जाता है जो नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों के वितरण, उपयोग, और अवागमन को रोकने में सहायक होते हैं।
संज्ञान: इसे व्यक्ति के ज्ञान में आने वाली जानकारी और दृश्य समागम समझा जाता है जिससे वह अपराध करने से पहले रोका जा सके।
अपराधी: यह व्यक्ति होता है जिसने NDPS Act के तहत नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों के संघर्ष को उल्लंघन किया हो।
नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों का उत्पादन: नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों का अनधिकृत उत्पादन कानूनी अपराध है।
वितरण और व्यापार: इन पदार्थों के अनधिकृत वितरण और व्यापार भी अपराध माना जाता है।
उपयोग और धुम्रपान: नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध उपयोग और धुम्रपान गैरकानूनी हैं।
अवैध व्यवसायिक गतिविधियाँ: अधिनियम के तहत नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यवसायिक गतिविधियाँ भी वर्जित हैं।
अन्यायपूर्ण प्राप्ति: इन पदार्थों की अनधिकृत प्राप्ति या उनका उपयोग भी कानूनी अपराध के तहत आता है।
अवैध पदार्थों के परिवहन: NDPS Act के अंतर्गत अवैध पदार्थों के परिवहन पर भी प्रतिबंध है और इसे अपराध माना जाता है।
विधि की रक्षा: NDPS Act व्यक्तियों को उनके विधिक अधिकारों की रक्षा करता है, जैसे कि न्यायिक संरचना और न्यायिक सुनिश्चित करना।
उचित रक्षा: यह अधिनियम उचित रक्षा और अधिकार का पालन करता है, जिसमें अपराधियों के खिलाफ सही कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रवाह शामिल है।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता: अधिनियम व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों का समर्थन करता है, जिसमें उन्हें अपराधियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा करने का अधिकार होता है।
न्यायिक सुनिश्चित करना: यह अधिनियम न्यायिक सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति बिना गलत तरीके से निष्पक्षीयता और न्यायिकता के बिना नहीं दोषी ठहराया जाए।
सुरक्षा और संरक्षण: इस अधिनियम व्यक्तियों को नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध उपयोग से होने वाली सुरक्षा और संरक्षण की गारंटी प्रदान करता है।
सामाजिक सुरक्षा: NDPS Act सामाजिक सुरक्षा की भावना को ध्यान में रखते हुए उसे बचाने और सुरक्षित रखने के लिए व्यापारिक गतिविधियों को विनियमित करता है।
पंजीकरण की आवश्यकता: मादक पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के लिए NDPS Act के तहत पंजीकरण की आवश्यकता होती है।
अंतरराष्ट्रीय पंजीकरण: यदि मादक पदार्थों का उत्पादन और बिक्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है, तो अंतरराष्ट्रीय पंजीकरण की आवश्यकता होती है।
आवश्यक दस्तावेज़: पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि उत्पादन प्रमाणपत्र, निर्यात अनुमति आदि की प्रक्रिया अनुसरण करनी पड़ती है।
स्थानीय पंजीकरण: यदि मादक पदार्थों का उत्पादन और बिक्री केवल स्थानीय स्तर पर होता है, तो स्थानीय पंजीकरण की प्रक्रिया अनुसरण की जाती है।
पंजीकरण की मान्यता: सभी पंजीकृत उत्पादकों और विक्रेताओं को सरकार द्वारा पंजीकरण की मान्यता प्राप्त करनी पड़ती है जो अधिनियम की प्रावधानों को पूरा करते हैं।
पंजीकरण के शुल्क: पंजीकरण के लिए आवश्यक शुल्क और शर्तें भी अलग-अलग हो सकती हैं, जो स्थानीय कानूनों और अधिनियम की मान्यता के अनुसार व्यवस्थित होती हैं।
पंजीकरण की अवधि: पंजीकरण की अवधि और इसे नवीनीकरण की प्रक्रिया भी अलग-अलग हो सकती है, जो कि सरकारी निर्देशों के अनुसार अपडेट की जाती है।
आवश्यकता: लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यकता होती है कि व्यक्ति या संस्था अधिनियम की मान्यता प्राप्त करे।
आवेदन: लाइसेंस के लिए आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें आवश्यक जानकारी और दस्तावेज़ों की प्रस्तुति की जाती है।
दस्तावेज़ सत्यापन: सरकारी अधिकारी द्वारा आवेदन पत्र और दस्तावेज़ों की सत्यापन की प्रक्रिया होती है।
कार्रवाई: अधिकारी द्वारा आवेदन के समर्थन में कार्रवाई की जाती है और लाइसेंस प्रदान की जाती है या इसे अस्वीकार कर दिया जाता है।
शर्तें और नियम: लाइसेंस प्राप्त करने के साथ-साथ अनुशासनवादी शर्तें और नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है।
अनुमोदन की अवधि: लाइसेंस की अवधि और नवीनीकरण की प्रक्रिया सरकारी निर्देशों और नियमों के अनुसार अपडेट की जाती है।
पुनर्निरीक्षण: समय-समय पर लाइसेंस के पुनर्निरीक्षण की प्रक्रिया भी होती है ताकि नियमों का पालन हो सके और उपयुक्तता बनी रहे।
तलाशी वारंट: NDPS Act के अंतर्गत, तलाशी लेने के लिए संबंधित अधिकारी को अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त करना होता है, जिसमें स्पष्ट रूप से स्थान और तलाशी का उद्देश्य लिखा हो।
तलाशी अधिकारी: केवल अधिकृत अधिकारी ही तलाशी की प्रक्रिया को अंजाम दे सकते हैं, और उन्हें अधिनियम के अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
संवेदनशील स्थान: विशेष रूप से संवेदनशील स्थानों जैसे कि निजी संपत्ति, वाहन, और अन्य निजी परिसरों में तलाशी करने के लिए अतिरिक्त सतर्कता और न्यायिक अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
तलाशी की समय सीमा: तलाशी का कार्य सामान्यतः दिन के समय में किया जाना चाहिए, जब तक कि विशेष परिस्थितियाँ न हों जो रात्रि में तलाशी की आवश्यकता को दर्शाती हों।
तलाशी के दौरान साक्ष्य: तलाशी के दौरान मिले सभी साक्ष्यों को सावधानीपूर्वक संकलित और सूचीबद्ध किया जाना चाहिए, और उन्हें आगे की न्यायिक प्रक्रिया के लिए संरक्षित रखा जाना चाहिए।
गवाहों की उपस्थिति: तलाशी के दौरान, संभव हो तो, स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि तलाशी की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
तलाशी रिपोर्ट: तलाशी की समाप्ति के बाद, अधिकारी को एक विस्तृत तलाशी रिपोर्ट तैयार करनी होती है जिसमें तलाशी का विवरण और प्राप्त साक्ष्य की सूची शामिल होती है।
जब्ती का आदेश: NDPS Act के तहत, जब्ती का आदेश तब दिया जाता है जब अधिकारी को यह विश्वास हो कि नशीले या मन:प्रभावी पदार्थों का अवैध व्यापार हो रहा है।
अधिकृत अधिकारी: केवल अधिकृत अधिकारी ही जब्ती की प्रक्रिया को अंजाम दे सकते हैं, जो अधिनियम के तहत आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
जब्ती के दौरान साक्ष्य: जब्ती के दौरान सभी साक्ष्यों को सूचीबद्ध और सुरक्षित किया जाना चाहिए ताकि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में प्रस्तुत किया जा सके।
वास्तविक वस्त्रों की जब्ती: जब्ती के अंतर्गत वास्तविक वस्त्रों जैसे कि नशीले पदार्थ, उनके उत्पादन उपकरण, और अन्य सम्बंधित सामग्री को कब्जे में लिया जाता है।
तलाशी की रिपोर्ट: जब्ती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अधिकारी को एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होती है जिसमें जब्ती का विवरण, साक्ष्य की सूची, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है।
विधिक अधिकार: जब्ती के दौरान, अधिकारियों को सभी विधिक अधिकारों और प्रक्रियाओं का पालन करना होता है ताकि न्यायिक प्रक्रिया में कोई भी त्रुटि न हो।
अदालती प्रस्तुति: जब्ती की गई सामग्री को जल्द से जल्द अदालत में प्रस्तुत किया जाना चाहिए ताकि उसे विधिक साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जा सके और आगे की न्यायिक कार्रवाई की जा सके।
अधिकृत अधिकारी: केवल अधिकृत अधिकारी ही NDPS Act के तहत गिरफ्तारी कर सकते हैं, और उन्हें अधिनियम के अनुसार विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
वारंट की आवश्यकता: गिरफ्तारी के लिए अक्सर वारंट की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से जब संदिग्ध व्यक्ति किसी निजी स्थान पर हो। हालांकि, अगर अपराध स्पष्ट हो रहा हो, तो अधिकारी बिना वारंट के भी गिरफ्तारी कर सकते हैं।
मौके पर गिरफ्तारी: अगर अधिकारी को मौके पर अपराध का साक्ष्य मिलता है, तो वे तुरंत गिरफ्तारी कर सकते हैं और संदिग्ध को न्यायिक प्रणाली के सामने पेश कर सकते हैं।
गिरफ्तारी के समय अधिकार: गिरफ्तारी के समय, अधिकारी को संदिग्ध को उनके अधिकारों के बारे में सूचित करना आवश्यक है, जिसमें कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार भी शामिल है।
गिरफ्तारी की सूचना: गिरफ्तारी के बाद, अधिकारी को तुरंत संबंधित उच्चाधिकारियों और परिवार को सूचना देनी होती है, ताकि कोई भी गलतफहमी न हो।
दस्तावेज़ीकरण: गिरफ्तारी के समय सभी प्रक्रियाओं का उचित दस्तावेज़ीकरण किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी कानूनी मुद्दा न उठ सके।
अदालती पेशी: गिरफ्तारी के बाद, संदिग्ध को तुरंत अदालत में पेश किया जाना चाहिए ताकि न्यायिक प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ हो सके और व्यक्ति के अधिकारों का संरक्षण हो सके।
स्वल्प मात्रा: नशीले पदार्थों की स्वल्प मात्रा के लिए, पहली बार अपराधियों को छोटे जुर्माने और न्यूनतम कारावास का सामना करना पड़ सकता है, जो अक्सर सुधारात्मक उपायों के साथ होता है।
वाणिज्यिक मात्रा: नशीले पदार्थों की वाणिज्यिक मात्रा के साथ पकड़े जाने पर, अपराधी को कठोर कारावास और बड़े जुर्माने का सामना करना पड़ता है। कारावास की अवधि और जुर्माने की राशि पदार्थ की मात्रा और प्रकार पर निर्भर करती है।
दोहराव अपराध: यदि कोई व्यक्ति दोहराव से अपराध करता है, तो उनके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाती है, जिसमें लंबी कारावास की अवधि और उच्चतर जुर्माने शामिल होते हैं।
व्यापार और वितरण: नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार और वितरण में लिप्त पाए जाने पर, अपराधियों को गंभीर दंड भुगतना पड़ता है, जिसमें जीवन कारावास तक की सजा और बड़ी राशि का जुर्माना शामिल हो सकता है।
सहयोग और साजिश: यदि कोई व्यक्ति नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार में सहयोग करता है या साजिश रचता है, तो उन्हें भी कठोर दंड मिल सकता है, जिसमें लम्बी कारावास और जुर्माना शामिल है।
अन्य अपराध: NDPS Act के तहत अन्य अपराधों, जैसे कि नशीले पदार्थों का परिवहन, उन्हें छिपाना, या उनके प्रयोग को बढ़ावा देना, पर भी सख्त दंड का प्रावधान है।
न्यायिक विवेकाधिकार: न्यायालय को दंड तय करने में विवेकाधिकार प्राप्त है और वह अपराध की गंभीरता, अपराधी का इतिहास, और अन्य प्रासंगिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दंड तय करता है।
अधिनियम के प्रावधान: NDPS Act के तहत विशेष न्यायालयों की स्थापना का प्रावधान किया गया है ताकि नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों से संबंधित मामलों का तेजी से निपटारा हो सके।
सरकारी अधिसूचना: विशेष न्यायालयों की स्थापना के लिए सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की जाती है, जिसमें इन न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र और संचालन के नियम निर्दिष्ट होते हैं।
न्यायाधीशों की नियुक्ति: इन विशेष न्यायालयों में कार्य करने के लिए विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है, जिनके पास व्यापक न्यायिक अनुभव और कानूनी ज्ञान होता है।
स्वतंत्रता और निष्पक्षता: इन न्यायालयों की स्थापना स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जाती है, ताकि मामलों का निपटारा त्वरित और निष्पक्ष तरीके से हो सके।
सुनवाई की प्रक्रिया: विशेष न्यायालयों में सुनवाई की प्रक्रिया सरल और तेज़ होती है, ताकि नशीले पदार्थों के मामलों में त्वरित न्याय प्रदान किया जा सके।
विधिक सहायता: इन न्यायालयों में विधिक सहायता भी प्रदान की जाती है, ताकि आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
संचालन का स्थान: विशेष न्यायालयों का संचालन ऐसे स्थानों पर किया जाता है जहां नशीले पदार्थों से संबंधित अपराधों की उच्च दर होती है, ताकि स्थानीय स्तर पर त्वरित न्यायिक सेवा मिल सके।
मामलों का त्वरित निपटारा: विशेष न्यायालयों का मुख्य कार्य नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों से संबंधित मामलों का त्वरित निपटारा करना है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में देरी न हो।
विशेषज्ञता: इन न्यायालयों में नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है, जिनके पास इस क्षेत्र में विशेषज्ञता होती है।
साक्ष्य का मूल्यांकन: विशेष न्यायालयों का कार्य मामलों में प्रस्तुत साक्ष्यों का उचित मूल्यांकन करना और उन पर न्यायिक निर्णय लेना है।
दंड और सजा: इन न्यायालयों का एक महत्वपूर्ण कार्य दोषियों को उचित दंड और सजा देना है, जिससे नशीले पदार्थों के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
न्यायिक निगरानी: विशेष न्यायालय नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों की निगरानी करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि सभी न्यायिक प्रक्रियाओं का पालन हो।
प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय: इन न्यायालयों का एक अन्य कार्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय बनाना है, ताकि नशीले पदार्थों के मामलों की जांच और सुनवाई में सहयोग प्राप्त हो।
जनजागरूकता: विशेष न्यायालय जनता में नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भी काम करते हैं, जिससे समाज में नशीले पदार्थों के उपयोग को रोका जा सके।
NDPS Act in Hindi (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) एक भारतीय कानून है जिसे नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध उत्पादन, वितरण, और उपयोग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया है।
इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य नशीले और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकना, समाज को इन पदार्थों के दुष्प्रभावों से सुरक्षित रखना, और अपराधियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
NDPS Act in Hindi के तहत नशीले पदार्थ (जैसे अफीम, गांजा, कोकेन) और मन:प्रभावी पदार्थ (जैसे बेंजोडियाजेपिन्स, बारबिटुरेट्स) शामिल हैं।
NDPS Act के तहत गिरफ्तारी के लिए संबंधित अधिकारी को न्यायिक वारंट की आवश्यकता होती है। दंड अपराध की गंभीरता, मात्रा, और प्रकृति के आधार पर तय किए जाते हैं, जिसमें कारावास और जुर्माना शामिल हो सकता है।
मादक पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के लिए पंजीकरण और लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसके लिए आवेदन पत्र भरना, दस्तावेज़ सत्यापन, और सरकारी अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।