आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम ( RPWD Act 2016 in Hindi) का पूरा नाम “राइट्स ऑफ़ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज़ एक्ट, 2016” है। यह अधिनियम भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पारित किया गया है। इसे 2016 में लागू किया गया था और यह विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं से ग्रस्त लोगों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
पूर्व के अधिनियम और उनकी सीमाएं
भारत में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए पहले भी कई अधिनियम और नीतियाँ लागू की गई थीं, लेकिन उनमें कई सीमाएँ और कमियाँ थीं। यहाँ कुछ प्रमुख पूर्व के अधिनियम और उनकी सीमाएँ दी गई हैं:
नए अधिनियम, यानी “राइट्स ऑफ़ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज़ एक्ट, 2016 (RPWD Act)”, की आवश्यकता कई कारणों से महसूस की गई:
विकलांगता की परिभाषा
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 के तहत विकलांगता की परिभाषा को व्यापक और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है। यह अधिनियम विकलांगता को एक दीर्घकालिक स्थिति के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें किसी व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, संवेदनात्मक, या संज्ञानात्मक क्षमताओं में गंभीर कमी होती है, जो उनके सामान्य जीवन की गतिविधियों को प्रभावित करती है। विकलांगता की परिभाषा इस अधिनियम के अंतर्गत कुछ प्रमुख बिंदुओं को शामिल करती है:
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 विकलांगताओं की विभिन्न श्रेणियों को परिभाषित करता है, जो विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार की सेवाओं और समर्थन प्रदान करने में मदद करती हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत मुख्य श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं:
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 विकलांग व्यक्तियों के लिए शिक्षा के अधिकार को विशेष महत्व देता है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम विकलांग व्यक्तियों के रोजगार के अधिकार को भी सुनिश्चित करता है:
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम विकलांग व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा के अधिकार की सुरक्षा करता है:
केंद्रीय सरकार की जिम्मेदारियाँ विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण के लिए नीतियाँ और योजनाएं तैयार करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख जिम्मेदारियाँ शामिल हैं:
राज्य सरकार की जिम्मेदारियाँ विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण के लिए स्थानीय स्तर पर नीतियों और योजनाओं को लागू करने और उनकी निगरानी करने में महत्वपूर्ण होती हैं। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख जिम्मेदारियाँ शामिल हैं:
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 के तहत, निजी संस्थानों को भी विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है। इनमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
सार्वजनिक स्थानों पर विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभता के प्रावधान यह सुनिश्चित करते हैं कि वे समाज के विभिन्न हिस्सों में स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से चल सकें। इसमें निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान शामिल हैं:
समावेशी शिक्षा का उद्देश्य है कि सभी छात्र, चाहे वे किसी भी शारीरिक, मानसिक, या संज्ञानात्मक विकलांगता से ग्रसित हों, एक समान और समावेशी शैक्षिक वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसके लिए विभिन्न कदम उठाए जाते हैं:
विशेष शिक्षक समावेशी शिक्षा के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी भूमिका निम्नलिखित होती है:
विकलांग व्यक्तियों के रोजगार और आर्थिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण के प्रावधान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये प्रावधान सरकारी और निजी क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करते हैं। इसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
विकलांग व्यक्तियों को स्वरोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है। इनमें निम्नलिखित प्रमुख पहलू शामिल हैं:
विकलांग व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की जाती हैं। ये सेवाएं उनके स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
पुनर्वास केंद्र विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास और उनकी स्वतंत्रता और गुणवत्ता जीवन को सुधारने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं। इन केंद्रों की भूमिका निम्नलिखित होती है:
Ans. RPWD (Rights of Persons with Disabilities) एक्ट 2016 भारत सरकार द्वारा पारित एक कानून है जो विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा और उनके सशक्तिकरण को सुनिश्चित करता है। यह एक्ट विकलांग व्यक्तियों को समान अवसर, सुलभता और अधिकार प्रदान करता है।
Ans. इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा करना, उनके लिए समान अवसर प्रदान करना और समाज में उनकी पूर्ण भागीदारी को सुनिश्चित करना है।
Ans. RPWD एक्ट 2016 के तहत, विकलांगता को शारीरिक, मानसिक, संज्ञानात्मक या संवेदी कमी के रूप में परिभाषित किया गया है, जो किसी व्यक्ति की सामान्य गतिविधियों और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
Ans. RPWD एक्ट 2016 के तहत कुल 21 प्रकार की विकलांगताएँ मान्यता प्राप्त हैं, जिनमें दृष्टिहीनता, सुनने में कठिनाई, मानसिक विकलांगता, बौद्धिक विकलांगता, और ऑटिज़्म शामिल हैं।
Ans.विकलांग व्यक्तियों को समान शैक्षिक अवसर प्रदान किए जाते हैं, जिसमें समावेशी शिक्षा, विशेष शिक्षा और सहायक उपकरण शामिल हैं। स्कूल और कॉलेजों को विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभता और अनुकूलन प्रदान करना अनिवार्य है।