1. जन्म, परिवार और बचपन
- जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1889 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था।
- उनका परिवार एक प्रतिष्ठित व्यापारिक परिवार था, जो तम्बाकू और किराने के व्यापार से जुड़ा था।
- उनके पिता का नाम बाबू देवी प्रसाद था, जो अपने समय के एक सफल व्यापारी थे।
- परिवार में धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल होने के कारण प्रसाद का बचपन भारतीय परंपराओं से जुड़ा रहा।
- जयशंकर प्रसाद का बचपन अभावों से मुक्त था, परंतु उन्होंने साहित्य और कला में अपनी गहरी रुचि दिखाई।
- प्रसाद का परिवार अपने समय के प्रगतिशील और शिक्षित परिवारों में से एक माना जाता था।
- प्रसाद के दादा शिवरतन साहू भी एक व्यापारी थे, जिन्होंने वाराणसी के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- बचपन से ही वे साहित्य और कला के प्रति झुकाव रखते थे, जिसे उनके परिवार ने प्रोत्साहित किया।
2. शिक्षा और शुरुआती रुचियाँ
- जयशंकर प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी के क्वींस कॉलेज में हुई, जहाँ उन्होंने हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा की शिक्षा प्राप्त की।
- उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान साहित्यिक पुस्तकों और ग्रंथों का गहरा अध्ययन किया, जिसने उनकी रचनात्मकता को विकसित किया।
- स्कूल के दिनों से ही उन्हें काव्य, दर्शन और भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी रुचि थी।
- प्रसाद ने वैदिक साहित्य और भारतीय दर्शन का अध्ययन किया, जिससे उनकी रचनाओं में दार्शनिक गहराई आई।
- उनके बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई।
- शिक्षा के साथ-साथ वे संस्कृत और हिंदी साहित्य की प्रमुख कृतियों का अध्ययन करते रहे, जिससे उनकी भाषा और लेखन शैली पर असर पड़ा।
- उन्हें संगीत और कला में भी गहरी रुचि थी, और उन्होंने अपनी युवावस्था में विभिन्न कला रूपों का अध्ययन किया।
- शिक्षा के साथ-साथ जयशंकर प्रसाद ने व्यावसायिक कार्यों में भी रुचि ली, लेकिन उनकी साहित्य के प्रति प्रेम ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ाया।