( Informal Letter Format in Hindi ) पत्र लेखन एक महत्वपूर्ण कौशल है जो हमें व्यक्तिगत रूप से अन्य लोगों से जुड़ने का एक माध्यम प्रदान करता है। अनौपचारिक पत्र विशेष रूप से मित्रों और परिवार के सदस्यों के बीच संवाद बढ़ाने में मदद करते हैं। इन पत्रों में हम अपने भावनाओं, सोच, और अनुभवों को साझा करते हैं। ये पत्र अक्सर खुशी, दुख, संघर्ष, और साझेदारी के पलों को बांटने में मदद करते हैं। इस प्रकार के पत्र व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अनौपचारिक पत्र व्यक्तिगत और निजी विषयों पर लिखे जाते हैं।
इन पत्रों में सामान्य वार्तालापीय भाषा का प्रयोग होता है।
ये पत्र आमतौर पर परिवार, मित्रों, और परिचितों के बीच भेजे जाते हैं।
इनमें व्यक्तिगत भावनाओं और विचारों को साझा करने का मुख्य उद्देश्य होता है।
अनौपचारिक पत्रों का प्रारूप सरल और असंदर्भ होता है।
इन पत्रों में विशेष रूप से शैली और रवैया का महत्व होता है।
व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत करने के लिए ये पत्र महत्वपूर्ण होते हैं।
इनमें सामान्य जीवन के घटनाक्रम और अनुभवों का वर्णन होता है।
अनौपचारिक पत्रों में शिकायत, स्नेहभाव, और आशीर्वाद का अनुभव होता है।
इन पत्रों में आमतौर पर सहज और खुले दिल से बातचीत की जाती है।
मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ संवाद बढ़ाना।
व्यक्तिगत भावनाओं और विचारों को व्यक्त करना।
साधारण जीवन के घटनाक्रम और अनुभवों का साझा करना।
सजीव और संवेदनशील व्यक्तित्व का प्रकटीकरण करना।
दुख-सुख के पलों में सहानुभूति व्यक्त करना।
व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव देना।
मनोरंजन के उद्देश्य से मित्रों के साथ साझा करना।
सदस्यों के बीच सजीव और विश्वसनीय संवाद को बढ़ाना।
समाजिक समस्याओं और विशेष घटनाओं पर विचार व्यक्त करना।
विभिन्न समाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर विचार व्यक्त करना।
परिवार की खुशियों और दुखों का साझा करना: पारिवारिक पत्रों में हम अपने
सदस्यों के साथ उनकी खुशी, दुख, और साझेदारी में हिस्सा लेते हैं।
दैनिक जीवन की घटनाओं का वर्णन: इन पत्रों में हम अपने घरेलू जीवन के अहम पलों का वर्णन करते हैं, जैसे कि पारिवारिक मिलन-समारोह, उत्सव, और सामान्य दिनचर्या।
परिवार के सदस्यों के साथ नई और पुरानी यादें ताजगी से बांटना: ये पत्र परिवार के सदस्यों के साथ व्यक्तिगत स्मृतियों को साझा करने का माध्यम भी होते हैं।
अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य, शिक्षा, और करियर के बारे में चर्चा करना: पारिवारिक पत्रों में हम अपने परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत उत्तरदायित्वों और स्थितियों के बारे में बातचीत करते हैं।
परिवार के सदस्यों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक आयाम के विचार व्यक्त करना: इन पत्रों में हम अपनी संस्कृति, धार्मिक अनुभव, और सम्बंधित विचारों को भी साझा करते हैं।
परिवार के भीतर निजी संवाद का माध्यम: ये पत्र परिवार के बीच सहज और खुले दिल से बातचीत का माध्यम भी होते हैं।
सदस्यों के बीच सहानुभूति और सहायता का व्यक्तिगत रूप से अभिव्यक्त करना: ये पत्र समस्याओं को समझने और समाधान के लिए एक बढ़िया माध्यम होते हैं।
मित्रों के साथ संवाद का आनंद लेना: मित्रता पत्रों में हम अपने मित्रों के साथ संवाद का आनंद लेते हैं और उनके साथ अपने विचार और अनुभवों को साझा करते हैं।
मित्र के साथ खुशी-दुखी के पलों का बांटना: ये पत्र हमें अपने मित्रों के साथ उनकी खुशी और दुःख में सहयोग देने का मौका देते हैं।
मित्र के साथ नवीनतम समाचार और घटनाक्रमों की जानकारी साझा करना: इन पत्रों में हम अपने मित्रों के साथ अपने जीवन के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों और उनकी जानकारी को साझा करते हैं।
मित्रता और विश्वास के बंधन को मजबूत करना: इन पत्रों में हम अपने मित्रों के साथ विश्वास और मित्रता के संबंधों को मजबूत बनाते हैं।
मित्रों के साथ विभिन्न विचारों और प्रेरणादायक विचारों का विनिमय करना: ये पत्र हमें अपने मित्रों के साथ विभिन्न विषयों पर विचार विनिमय करने का मौका भी देते हैं।
मित्रता और सहयोग की भावना को प्रकट करना: इन पत्रों में हम अपने मित्रों के साथ सहयोग और समर्थन की भावना को साझा करते हैं।
मित्रों के साथ मनोरंजन का आनंद लेना: ये पत्र हमें अपने मित्रों के साथ मनोरंजन के उद्देश्य से विभिन्न विचारों और प्रेरणादायक घटनाओं का आनंद लेने का मौका देते हैं।
संदेश के प्रारंभ में पत्रकार का पता: पत्र का प्रारंभ हमेशा पत्रकार के पते से होता है। यह पता उसकी दायरा-ए-क़ाम में लिया जाता है।
तारीख: पत्र के प्रारंभिक हिस्से में पत्रकार की तारीख लिखी जाती है। यह तारीख उस समय की स्थिति को दर्शाती है जिसमें पत्र लिखा गया है।
प्रिय/प्रिया/प्रियंकर (संदेश में उपयोग होने वाले शब्द): यह अनौपचारिक पत्र का प्रारूप उसे दिखाता है कि वह किसे लिख रहा है और उसका संवेदनशील दृष्टिकोण दर्शाता है।
प्रारंभिक भावुकता या विशेष पहलू: कभी-कभी पत्र के प्रारंभ में व्यक्तिगत भावनाओं का उल्लेख किया जाता है, जैसे कि उत्साह, प्रेरणा, या दुखावनी।
पत्रकार की टिप्पणियाँ या विशेष संदेश: प्रारूप में कई बार पत्रकार अपने विशेष संदेश या टिप्पणियाँ जोड़ता है, जो पत्र के मुख्य विचारों को संपूर्ण करते हैं।
‘मुख्य भाग (शरीर): इसमें पत्र का मुख्य विषय होता है। यहां पर पत्रकार अपने विचार और अनुभवों को व्यक्त करता है।
समाप्ति: पत्र के अंतिम हिस्से में समाप्ति होती है जिसमें आमतौर पर शुभकामनाएं और शुभकामना शब्द होते हैं।
सहायक घटना: कई बार पत्रकार अपने मुख्य विचारों को समर्थन देने के लिए एक सहायक घटना, उदाहरण या संदर्भ प्रस्तुत करते हैं।
उपसंहार: कुछ पत्रों में एक छोटा उपसंहार होता है जो पत्र के मुख्य संदेश को फिर से सारांशित करता है।
पत्रकार की बातचीत के अभिनंदन या अन्य विशेष संदेश: कुछ पत्र में पत्रकार अपने बातचीत का अभिनंदन करता है या फिर उसे आगे की शुभकामनाएं देता है।
पत्र का शीर्षक हमेशा पत्र के शुरू में लिखा जाता है। यह शीर्षक पत्रकार के संदेश को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है और पाठक को बताता है कि पत्र में किस विषय पर बातचीत होगी। इसके बाद नाम और पता और दिनांक आते हैं।
नाम और पता (Name and Address)
नाम: पत्रकार का पूरा नाम पत्र के शुरू में लिखा जाता है। यह नाम उस व्यक्ति का होता है जिसे पत्र लिखा गया है।
पता: नाम के बाद, पत्रकार का पूरा पता लिखा जाता है। इसमें शहर, राज्य, और पिन कोड शामिल होते हैं।
दिनांक (Date)
दिनांक: नाम और पता के बाद, पत्रकार अपने पत्र के लिखने की तिथि (दिनांक) को लिखता है। यह तिथि पत्र के लिखने के समय को दर्शाती है और आगे जाने वाले समय को समझाती है।
प्रिय: यह संवोधन प्रयुक्त होता है जब हम व्यक्तिगत स्तर पर किसी को पत्र लिख रहे होते हैं, जैसे कि दोस्त, परिवार के सदस्य, या जानकारी के लिए बाहरी व्यक्ति। उदाहरण: प्रिय अमित,
प्रियंका: यह भी प्रिय के समान प्रयुक्त होता है, लेकिन इसमें एक थोड़ी सा रस और प्यार अधिक होता है। उदाहरण: प्रियंका,
नमस्ते: यह शब्द आमतौर पर विशेष संदेश और अधिक विनम्रता के साथ प्रयुक्त होता है। उदाहरण: नमस्ते श्रीमान,
हेलो: यह अंग्रेजी भाषा से लिया गया शब्द है जो अनौपचारिक पत्र में प्रयुक्त होता है। उदाहरण: हेलो दोस्तों,
नमस्कार: यह शब्द बहुत ही साधारण और अधिक सामान्य रूप से प्रयुक्त होता है। उदाहरण: नमस्कार जी,
आपको नमस्कार: इस विशेष संवोधन में अभिव्यक्ति और सम्मान का भाव अधिक होता है। उदाहरण: आपको नमस्कार,
हाय: यह एक आम और अनौपचारिक संवोधन है, जो युवा पीढ़ी में अधिक प्रचलित है। उदाहरण: हाय दोस्तों,
इन सभी संवोधन शब्दों का उपयोग पत्र लेखन में व्यक्तिगत संदेश को प्रस्तुत करने के लिए किया जा सकता है।
पत्रकार को अपने पत्र के प्रारंभिक अनुच्छेद में पत्र लिखने का कारण स्पष्ट रूप से व्यक्त करना चाहिए। इसमें वह बताता है कि उसने पत्र क्यों लिखा है और उसकी उम्मीद क्या है। यहां व्यक्तिगत या पेशेवर कारण हो सकते हैं।
मैं इस पत्र को आपको लिख रहा हूँ क्योंकि हमारे पिछले मिलने के बाद मुझे आपके साथ बिताया गया समय बहुत ही मनोरंजन से भरा था। मुझे उम्मीद है कि आप भी उसी प्रकार से खुश रहेंगे जैसे कि हम थे।
सामान्य बातें में पत्रकार अपने पत्र के प्रारंभिक अनुच्छेद में बातचीत का वातावरण स्थापित करता है। यहां उसे पत्र के अगले हिस्से में बातचीत के मुख्य विचारों की ओर प्रेरित करने का कार्य करना चाहिए।
आशा है कि आप स्वस्थ और खुशहाल होंगे। मैं यहां बहुत ही अच्छे हौसलों के साथ लिख रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आपके पत्र का जवाब भी जल्दी ही मिलेगा।
पत्रकार का पत्रकार अपने पत्र के मूल विषय में मुख्य विचार को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है। यहां पत्रकार अपने प्रमुख विचारों को प्रस्तुत करते हैं और उन्हें समझाते हैं। इस भाग में उन्हें अपनी बात को विस्तार से समझाना चाहिए।
मेरे पास आपको इस लिखित संदेश के माध्यम से यह बताने का अवसर मिला है कि मैंने आपके विचारों का ध्यान दिया है और उस तरह से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है।
जानकारी का आदान-प्रदान के भाग में पत्रकार अपने विचारों, दृष्टिकोण और अनुभवों को व्यक्त करते हैं। इसमें वे अपने मित्र के साथ विभिन्न विषयों पर विचार विनिमय करते हैं और उपयुक्त जानकारी साझा करते हैं।
इस विषय पर विचार करने के बाद, मुझे विशेष रुचि है कि हम इस बिंदु पर और विचार-विमर्श करें। मुझे लगता है कि आपके विचार और मेरे विचार में सामंजस्य है और हमें इसे और गहराई से समझने का अवसर मिलेगा।
पत्रकार अपने पत्र के समापन अनुच्छेद में आशाएं और शुभकामनाएं व्यक्त करता है। इस भाग में वह अपने मित्र के भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है और उसकी अगली मुलाकात की इच्छा व्यक्त करता है।
आशा है कि यह पत्र आपको समझ में आया होगा और आप इससे संतुष्ट हैंगे। मैं आपके उत्तर की प्रतीक्षा करता हूँ और जल्दी ही आपके साथ फिर से मिलने का अवसर मिले।
पत्रकार के अंतिम अनुच्छेद में पत्र को समाप्त करने का तरीका शामिल होता है। इसमें वह अपने पत्र की आखिरी बातें कहता है और उसे समाप्त करता है।
इसके साथ ही, बस मेरी ओर से इतना ही। आपका पत्रकार,
अमित
इस तरह से, पत्रकार अपने पत्र के समापन अनुच्छेद में उत्कृष्ट रूप से अपने विचारों को समाप्त करते हैं और आगे जाने वाले समय के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
पत्र लिखने वाले का पता सबसे पहले लिखा जाता है।
पता के नीचे पत्र लिखने की तिथि लिखी जाती है।
yaml
Copy code
123, गांधी नगर, दिल्ली
27 नवंबर 2024
पत्र में सम्बोधन प्यार और आत्मीयता के साथ लिखा जाता है।
उदाहरण:
प्रिय मित्र मोहित,
प्रिय बहन सीमा,
मुख्य भाग में अपनी बात सहज और सरल भाषा में लिखें।
उदाहरण के लिए, यदि पत्र परीक्षा की तैयारी पर है तो अपनी तैयारी और सुझाव साझा करें।
पत्र के अंत में शुभकामनाएँ या स्नेह प्रदर्शित करें।
जैसे:
“तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।”
“अपना ध्यान रखना।”
अपना नाम या रिश्ते का जिक्र करें।
जैसे:
तुम्हारा मित्र,
तुम्हारी बहन,
Yami
123, मालवीय नगर, जयपुर
27 नवंबर 2024
प्रिय मित्र आर्यन,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। यह जानकर बहुत खुशी हुई कि तुमने अपनी बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए। मुझे तुम पर गर्व है। तुम्हारी मेहनत और लगन का परिणाम देखकर प्रेरणा मिलती है।
मैंने सुना है कि तुमने विज्ञान वर्ग चुना है। मुझे यकीन है कि तुम आगे भी इसी प्रकार परिश्रम से पढ़ाई करोगे। जब भी तुम जयपुर आओ तो मुझसे जरूर मिलना।
तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।
तुम्हारा मित्र,
राहुल
Write your cope with on the pinnacle left corner.
Mention the date underneath the cope with.
mathematica
123, Rosewood Apartments
Green Valley, Mumbai
27th November 2024
Use heat and pleasant salutations like:
“Dear Friend,”
“Dear Sister,”
“My Dearest Mother,”
Introduction: Begin with pleasantries or the motive of writing.
Main Content: Discuss the subject in detail.
Conclusion: Wrap up with exact desires or a request for a reply.
Use terms like:
“Yours lovingly,”
“With masses of love,”
“Take care,”
Sign your call or use your relationship (e.g., “Your friend,” or “Your loving daughter”).
पत्र लिखने में आमतौर पर 10-15 मिनट का समय लगता है, लेकिन यह पत्र के लंबाई और सामग्री पर निर्भर करता है।
शुरुआती अनुच्छेद में पत्रकार को पत्र लिखने का कारण व्यक्त करना चाहिए और सामान्य बातें जैसे स्वास्थ्य और खुशहाली की शुभकामनाएं देनी चाहिए।
मुख्य विचार में पत्रकार को अपने मुख्य बिंदुओं को स्पष्टता से व्यक्त करना चाहिए और उन्हें विस्तार से समझाना चाहिए।
समापन अनुच्छेद में पत्रकार को आशाएं और शुभकामनाएं व्यक्त करनी चाहिए और पत्र को समाप्त करने का उचित तरीका बताना चाहिए।
पत्रकेर अपने पत्र के प्रकार और संदेश के आधार पर संवेदनशीलता, अनुभव, और सम्बंधों के आधार पर संवेदनशीलता अधिक चुनते हैं।
(i) भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए। (ii) पत्र लेखक तथा प्रापक की आयु, योग्यता, पद आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए। (iii) पत्र में लिखी बात संक्षिप्त होनी चाहिए। (iv) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
अनौपचारिक अभिवादन से शुरू करें, जैसे कि “हाय मार्टी”*, उसके बाद अल्पविराम लगाएँ। एक संक्षिप्त परिचय लिखें जिसमें यह स्पष्ट करें कि आप क्यों लिख रहे हैं। आप “आप कैसे हैं?” जैसे प्रश्न से शुरू कर सकते हैं। अधिक विवरण और व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करने के लिए जितने आवश्यक हो उतने मुख्य पैराग्राफ शामिल करें।